व्याख्याता श्रीमती प्रेमा नडुविनमनि को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कलकता में सम्मानित किया जायेगा
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरन समाज सेवी संस्था द्वारा गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी ‘शिक्षक दिवस’ (5 सितंबर) के उपलक्ष्य पर शिक्षक दिवस सप्ताह में रविवार 10 सितंबर 2023 को शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय एवं उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षक/शिक्षिकाओं/ साहित्यकारों को ‘शिक्षक रत्न सम्मान 2023’ तथा ‘शिक्षक शिरोमणि सम्मान 2023’ से कलकत्ता में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा ।
संस्था द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले शिक्षको को अवार्ड से सम्मानित करने हेतु आवेदन मांगे गए थे । संस्था द्वारा बनाई गई समिति ने सभी आवेदनों पर अध्ययन करने के बाद शिक्षकों का चयन किया गया l गोपाल किरण समाज सेवी संस्था ग्वालियर से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर कलकता में आयोजित कार्यक्रम में चयनित महान शिक्षकों/साहित्यकार विभूतियों को सम्मानित किया जायेगा l चयनित शिक्षको में कर्नाटक की बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी व्याख्याता श्रीमती प्रेमा नाडूविनमनी को भी सम्मानित किया जाएगा ।
व्याख्याता श्रीमती प्रेमा नडुविनमनि, एम.ए.बी.एड (हिन्दी भाषा में मानस गंगोत्री, मैसूरु विश्वविद्याल), डिप्लोमा इन क्राफ्ट एवं ड्राइंग, कम्प्यूटर शिक्षा आफिस मैनेजमेंट और 17 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में अनेक संघ-संस्थाओं में बतौर शिक्षिका व व्याख्याता सेवारत है l आदतन साहित्यकार, साहित्य के विभिन्न प्रकार जैसे कविता, कहानियां, मुहावरे, नाटक, फिल्मी कहानियों को लिखने में माहिर । इतना ही नहीं इन्होने रंगमंच में कई सेवा की है। अनेक नाटकों का निर्देशन करने के साथ खुद भी उनमें अभिनय किया है ।
प्रेमा नडुविनमनि ने कलात्मक फिल्म रमाबाई में अभिनय के अलावा जानेमाने अभिनेता चेतन की नूरोंदु नेनपु फिल्म में माँ का किरदार निभाया है । ये बहुमुख प्रतिभा की धनी हैं, इन्होंने चित्रकला में भी रंगों के साथ खेला है। धारवाड़ में कई बार व्यक्तिगत चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की है ।
हाल ही में वर्ष 2016 में ही कंबनी (आँसू तथा अनामिक नामक दो लघु फिल्मों का निर्माण करने के आलावा उनमें अभिनय भी किया है । रोटरी संस्था की ओर से निर्मित वयस्कों के शिक्षा से संबंधित लघु फिल्म हम होंगे कामियाब हिन्दी भाषा में फिल्म की कहानी लिखी है ।
प्रेमाजी द्वारा प्रकाशित पुस्तकें :-मेरे प्रेम का सजन 2013 में,-कण्णोळगे कुळित चेलुव (आँखों में बसे प्रिय) 2014 में,-कन्नड़क्कागी संगठनेगलु लघु पुस्तिका 2014,-कम्बनी कथा संकलन 2016 में
लेखन : माँ, महिलाएँ सुरक्षित रहे, मां तुझे सलाम, कन्नड़ उसिरागली, गुरु, आदि
अबकारी मित्र, साहित्य सिंचन, मानस आदि अनेक मासिक समाचार पत्रों के आलावा प्रजावाणी, होसदिगंत, कन्नड़प्रभा, संयुक्त कर्नाटक जैसे दानिक अखबारों में प्रेमाजी की अनेक कविताएं प्रकाशित होकर जनता का मन जीता है ।
पुरस्कार :– 2012 में सेवा के लिए पंडित बसवराज मनसूर राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार,- 2012 में विश्व कन्नड़ बळग हुब्बल्ली की ओर से श्रेष्ठ शिक्षिका का पुरस्कार देकर सम्मानित किया ।
– 2014 में 59वें कर्नाटक राज्योत्सव के उपलक्ष्य में कर्नाटक विद्यावर्धक संघ की ओर से आयोजित 15 दिवसीय नाटकोत्सव के दौरान कन्नड़ रंगमंच के लिए रंगकला सेवा देने तथा सेवा करने के उपलक्ष्य में प्रेमाजी को रंग कला सम्मान से सम्मानित किया गया।
– पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिन्दी विकास सम्मेलन शिलांग ( मेघालय )2017 में प्रेमाजी को डा. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया ।
प्रमाजी सुशिक्षित, विद्या, साहित्य, संगीत तथा संस्कृति के बारे में अपार प्रेम रखते हुए नृत्यांगना, नाटकों की निर्देशक, नृत्य निर्देशक, लेखिका, कवयित्री, निर्माता के तौर पर कई रूपों में कार्य दे रही हैं ।