राजस्थान सूचना आयोग द्वारा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी पर 25,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया।
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगाँवलिया) । आर.टी.आईं.कार्यकर्ता राकेश कुमार वर्मा द्वारा जिला चिकित्सालय से आरटीआइ के तहत मांगी जाने वाली जानकारी समय पर प्राथी को नहीं दिये जाने का मामला दौसा से सामने आया है, जिस पर राज्य सूचना आयोग के द्वारा कार्यवाही करते हुए चिकित्सा अधिकारी पर 25,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया।
आर.टी.आईं.कार्यकर्ता राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, की धारा 6(1) में सिलिकोसिस प्रमाण पत्र, रात्रिकालीन आपातकालीन सेवा, एम.डी.आर. वार्ड , टेंडरो,आदि से संबंधित जानकारी हेतु दिनांक 23 मई 2023, को जिला चिकित्सालय में सूचना आवदेन प्रस्तुत किया, सूचना नहीं देने पर, आयोग मे अधिनियम की धारा 19,(3) में द्वितीय अपील संख्या 109588/2023, दर्ज की गई, जिसका निर्णय दिनांक 12 जनवरी 2024, को सात दिवस में सूचना आवेदन पत्र में अंकित 100, महत्वपूर्ण पृष्ठ सूचना नि:शुल्क और 200 पृष्ठों की सूचना अवलोकन के लिए लिए आमंत्रित किया जाए और शुल्क प्राप्त कर सुचना दी जाए, परंतु समयावधि में कोई सूचना या प्रतिउत्तर नहीं देने पर आयोग मे अधिनियम की धारा 18(1) में परिवाद संख्या 2024/4034,दायर किया गया।
आयोग ने दिनांक 3, जुलाई 24, ओर दिनांक 12, अगस्त 24, को अधिनियम की धारा 20,(1) के दो बार नोटिस जारी करने पर भी परिवादी को अवलोकन नहीं करवाया गया, बल्कि आयोग को गुमराह किया गया कि परिवादी अवलोकन के लिए नहीं आया। परिवादी ने अवलोकन के लिए प्रस्तुत की गई दर्ज रिकॉर्ड अपनी उपस्थिति आयोग मे प्रस्तुत की, जिसको आयोग ने गंभीरता से लिया और सूचना आयुक्त माननीय सुरेश चंद गुप्ता ने अधिनियम की अहवेलना ओर द्वितीय अपील निर्णय की पालना नहीं करने का दोषी मानते हुए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के वेतन से काटकर रुपए पच्चीस हजार की शास्ती अधिरोपित की एवम निदेशक चिकित्सा विभाग राजस्थान को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कारवाही कर सेवा पुस्तिका में इंद्राज करने के आदेश पारित किए गए l