अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव मे राष्ट्रीय प्रचार प्रसार के पद पर जाने का उद्देश्य युवा समाजसेवी रवि शंकर देवतवाल ने समाज को बताया
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l युवा समाजसेवी रवि शंकर देवतवाल ने अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव मे राष्ट्रीय प्रचार प्रसार के पद पर चुनाव लड़ने के संबंध में रैगर समाज के समक्ष लिखित में अपना उद्देश्य उजागर किया है l समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया से फोन वार्ता में बताया कि महासभा की सूचनाएं आम रैगर तक नहीं पहुँच पाती यदि मुझे समाज इस पद पर कार्य हेतु चुनता है तो मैं महासभा की गतिविधियों की सूचनाओ को आम रैगर तक पहुँचाने में सक्षम हूँ l
मै रवि शंकर देवतवाल , दिल्ली प्रान्तीय रैगर पंचायत मे पिछले चार से मीडिया प्रभारी के तौर पर समाज के साथ जुड़ कर पंचायत के समाजहित के कार्यो को समाज के लोगो तक पहुंचाने का कार्य किया ।
मुझे ऐसा महसूस होता है ओर वास्तविकता भी है कि हमारी समाज की संस्थाओ के कार्य सिर्फ कुछ लोगो तक की जानकारी मे आ कर सिमट जाते है । हमारी संस्थाये कार्य करती है, लेकिन उसकी जानकारी समाज के हर तबके तक नही पहुंच पाती ओर परिणाम स्वरूप लोगो का जुड़ाव कम होता है या ना के बराबर होता है । लेकिन मैने पंचायत मे कार्य करते हुए सबसे पहले सोशल माध्यमो को ही अपना साधन बनाया , उनके फोन न , पते आदि लेने शुरू किये , वे सभी जो पंचायत के सदस्य थे या नही थे । दिल्ली मे रैगर समाज के लोगो के 12000 से जयादा लोगो तक रोजाना सामाजिक, शैक्षणिक, समाज ओर पंचायत के कार्यो की गतिविधियो जैस संदेश पहुंचाने शुरू किये , बाद मे दायरा ओर बढाया गया , ऐसे लोगो की तादाद बढने लगी जो पंचायत की तरफ जुडने लगे उन्हे महसूस हुआ कि हमारी संस्था एकटिव है कार्य कर रही है , हमे सहयोग करना चाहिये , कार्यालय मे लोग आने लगे , विचार विमर्श, सुझाव गतिविधिया बढने लगी , पंचायत ओर समाज के बीच लोगो का विश्वास बढने लगा ओर सुखद बात ये रही कि पंचायत के सदस्यो की संख्या सिर्फ 3 साल बाद 3156 से बढकर 5107 हो गई, 1950 सदस्यो की बढ़ोतरी हुई जो एक कीर्तिमान रहा । ये तभी संभव हुआ जब पंचायत के कार्य लोगो तक पहुचने लगे उनमे एक नयी सोच का जन्म हुआ ओर वो समाज की संस्था मे एक्टिव रूप से आगे आकर जुड़े। हमारा उद्देश्य कुछ पूरा नजर होता आया कि समाज को एक माला मे पिरोकर रखे वे हर दुख सुख मे हमे जाने ओर हम उन्हे।
अब मैने निस्वार्थ भाव से रैगर समाज की सर्वोच्च संस्था से अखिल भारतीय रैगर महासभा मे कार्य करने का निश्चय किया है । अपने लिये पद नही मैने सेवा करने का माध्यम “राष्ट्रीय प्रचार प्रसार सचिव” चुना है । क्योकि मै मानता हू कि मै इस पद पर रहकर पूरे भारत के रैगर समाज के लोगो से सम्पर्क रख कर अपने सोशल माध्यम से पूरे देश मे रैगर समाज की हर गतिविधियो की हर जानकारी पूरे रैगर समाज तक पहुचाने का कार्य कर सकता हू ।
अगर महासभा के तत्वाधान मे सीकर या पंजाब , जोधपुर या किसी गाँव मे कोई कार्यक्रम हो या रैगर समाज कही विपत्ति मे हो या अन्य कोई परेशानी हो , जरूरत हो तो उसकी जानकारी महासभा के पदाधिकारीगण के साथ साथ पूरे हिन्दुस्तान मे रैगर समाज के लोगो को भी तुरन्त मिलनी चाहिये , चाहे वो रैगर समाज दिल्ली मे रहता हो , मुंबई की ठक्कर बापा नगर कालोनी मे रहता हो , मध्यप्रदेश के नीमच हो या पंजाब के बठिंडा मे हो या राजस्थान के किसी जिले के छोटे से गांव मे रहता हो, सभी तक ये जानकारी पहुचाने की जिम्मेदारी को अपनी मेहनत ओर समाज के लोगो के आर्शिवाद से मै पहुचाने का कार्य मै कर सकता हू। पूरा ब्ल्यू प्रिन्ट मेरे पास है वह मैने कई बार सामाजिक लोगो से चर्चा के बीच उठाता रहता हू।
मै मानता हू कि समाज की संस्थाये कार्य करती है चाहे कम या ज्यादा लेकिन उसकी जानकारी लोगो तक नही पहुंच पाती , मैने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महासभा के साथ रहकर कार्य करने का निर्णय किया है , ये कार्य मै अकेले नही कर सकता क्योकि राज्य ओर जिला स्तर पर मुझे महासभा के राज्य व जिला स्तर पर कार्य कर रहे पदाधिकारियो का सहयोग चाहिये होगा ओर वो महासभा मे राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार के पद पर कार्य करने पर ही मिल पायेगा , बिना पद के अगर मै किसी से सम्पर्क कर जानकारी लेना भी भी चाहू तो मुझे शायद ही मिले हा लेकिन उन्हे जब पता रहेगा कि मै भी महासभा मे उनका सहयोगी हू तो वो मेरा साथ देगे ।
इसी साथ ओर सहयोग की उम्मीद मै देश भर के सभी रैगर समाज के प्रतिनिधि सदस्यो से भी करता हू , कि आप मुझे सहयोग ओर आर्शिवाद दे , मै आपको कभी निराश नही करूगा ।
मै श्री खूबराम सबलानिया जी के पैनल से राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार सचिव के पद पर चुनाव मे आपके समक्ष हू ।