Tuesday 08 October 2024 8:51 AM
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मंजू लता मेरसा को समाज व शिक्षा-साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  गोपाल किरण समाजसेवी संस्था, ग्वालियर के तत्वाधान में 28 अक्टूबर 2023 को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ब्रिलियंस अवार्ड सेरेमनी का भव्य समारोह बंगलुरु के कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक कैलाश चन्द मीणा (IFS), मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ० बी.पी. अशोक (IPS), व सूर्यकांत शर्मा होंगे l इनकी गरिमामयी उपस्थिति में रचनाकार मंजू लता मेरसा को समाज व शिक्षा- साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।

गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश निमराजे ने कहा कि श्रीमती मंजू लता मेरसा, व्याख्याता अंग्रेजी, कोटा, जिला- बिलासपुर छत्तीसगढ़ समाज व शिक्षा- साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा । समाज में ऐसी अनेक प्रतिभाएं हैं जो सामने न आकर राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक उत्थान के लिए समर्पण भाव से देश सेवा में कार्यरत हैं । इन समर्पित प्रतिभाओं के योगदान से देश और समाज का समग्र विकास सुनिश्चित होता है । हमारी संस्था की ओर से कोशिश रहती है कि समाज की विभूतियों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय मंच देकर सम्मानित किया जाए । इससे उनका मनोबल और बढ़ेगा साथ ही युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। प्रतिभाओं में से भारतीय मूल की एक शिक्षिका, लेखिका एवं कवित्री श्रीमती मंजू लता है जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में रहती है ।

रचनाकार मंजू लता ने गोपाल किरण समाज सेवी संस्था ग्वालियर को बताया कि मैं श्रीमती मंजू लता मेरेसा भारतीय मूल की राज्य छत्तीसगढ़, जिलावे बिलासपुर से हूं, मैंने पोस्ट ग्रेजुएशन(अंग्रेजी साहित्य ) B.Ed डिग्री हासिल की है। वर्तमान में बिलासपुर में 15 वर्षों से शिक्षिका के रूप में कार्यरत हूं । आज जो कुछ भी अपनी जिंदगी में हूं, उसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता, मेरे पति व दोनों बच्चों को जाता है । मैं प्रकृति प्रेमी हूं और अपनी कविता उस पर लिखती हूं।

वर्तमान में मैं हायर सेकेंडरी में शिक्षिका के रूप में कार्य हूं मेरा इस लाइन  में आने का उद्देश्य सिर्फ जीवन यापन मात्रा नहीं है। मैं अपने छात्र-छात्राओं को शिक्षित वह जागरूक बनाने के लिए नीत नई प्रेरणा स्रोत देती  हूं। मैं अपने इस कार्य को स्वीकार करती हूं तथा अपना महत्वपूर्ण योगदान राष्ट्र निर्माता के रूप में देने हेतु बहुत ही गर्व महसूस करती हूं। मेरे छात्र-छात्राओं व मुझसे जुड़े लोगों को यदि मुझसे  प्रेरणाये मिलती है या हौसला बढ़ता है तो इसे मैं अपने लिए उपलब्धि मानती हूं ।

मैं एक कवित्री हूं मुझे प्रकृति से प्यार है, मैं अपने कविताओं में प्राकृतिक सौंदर्य व मानव भावनाओं को जोड़ने का प्रयास करती हूं। महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा काव्यांजलि वह मानवीय पहेलियां पर रचनाएं करती हूं मैं अपने महतारी छत्तीसगढ़ पर भी रचनाएं करती हूं। मैं उस व्यक्ति की आराधना करती हूं जिसने यहां तक पहुंचने के सारे द्वारा हमारे लिए खोले हैं और हमारे अधिकारों के लिए स्वयं लड़कर बहुत सारी कुर्बानियां दी है।

 सम्मान व पुरस्कार : सावित्रीबाई फुले साहित्यिक अवार्ड 20 अगस्त आगरा में साहित्य के क्षेत्र में

 शिक्षक रत्न अवार्ड 10 सितंबर कोलकाता में शिक्षक दिवस के उपलक्ष में प्राप्त किया

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