उज्जैन में संविधान दिवस पर पुस्तक का लोकार्पण तथा ग्लोबल शोध सेमिनार एवं अवार्ड कार्यक्रम सम्पन्न
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा महाकाल की ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में संविधान दिवस पर पुस्तक का लोकार्पण तथा भारतीय संविधान एवं हम सब का अस्तित्व विषय पर ग्लोबल शोध सेमिनार एवं अवार्ड कार्यक्रम श्रीप्रकाश सिंह निमराजे की अध्यक्षता मैं सुराना पैलेस में आयोजित किया गया l जिसमे मुख्य अतिथि कैलाश चंद मीणा (आई एफ एस) चितौड़गढ़ उपस्थित रहे l विशेष अतिथि बतौर सरोज मीणा विभागाध्यक्ष, फादर सुनील,मीणा,चंद्रशेखर बागरी, प्रोजेक्ट ऑफिसर भारतीय कृषि सहकारी संघ, आदि उपस्थित रहे । उत्कृष्ट कार्य करने वाली चयनित प्रतिभाओ को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया l कार्यकम में डॉ० मंजू बाला व दिलीप कटारे द्वारा संयुक्त रूप से मंच संचालन किया गया ।
कार्यकम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, सुनीता श्रीवस्ताव, जुगल किशोर शाक्य आदि ने किया । उसके पश्चात संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया गया । प्रस्तावना वाचन के उपरांत शोध आलेख का पढ़े गए, जिसमें पूजा संकट, रिसर्च स्कॉलर, डा. अम्बेडकर विश्वविद्यालय महू इंदौर को सराहया गया, इसके साथ ही जयश्री मेहर की चित्रकारी को भी सराहया गया ।
मुख्य अतिथि कैलाश चंद मीणा ने प्रतिभाओ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने अधिकारों की सीमा में रहकर स्वतंत्र रहे तो कभी भी आपसी रिश्तों में विरोधाभास उत्पन्न नहीं होगा । भारतीय संविधान के आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, कानून वगैरह दिए गए हैं । हम सभी को भारतीय संविधान में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों का मन-कर्म और वचन से पालन करना चाहिए l
बाबा साहेब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस मनाया जाता है । इसकी मुख्य विशेषता ये है कि 26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकार किया गया था । संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद देश में इसे लागू करने में कुछ महीने का वक्त लगा । 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू कर दिया गया । इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है । भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान दिवस को मनाया जाता है l
कार्यक्रम में जिला बागपत, यू.पी से आए कवि व गीतकार श्रीपाल शर्मा ‘इदरीशपुरी’ द्वारा प्रस्तुत कविता, ‘देखी बुढ़ापे की जो तस्वीर मैंने, तो टूटा भरम उस जवानी का मेरी‘ ने श्रोताओं को खुद के अंतःकरण में झांकने को मजबूर कर दिया । हिना अंसारी द्वारा कविता ‘लिखे यह कुछ भी वह मेरे नाम की तहरीर बनती है‘ ने श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया । चौहान शुभांगी द्वारा प्रस्तुत कविता ‘में एक उत्थान हूं‘ सुनकर हाल तालियो की गड़गडा़हट से गूंज उठा । बिहार से आए सुधांशु चक्रवर्ती द्वारा एकल नाटक ‘सत्ता‘ की प्रस्तुति प्रभावपूर्ण रही ।
अवार्ड कार्यक्रम के अवसर पर विभिन्न श्रेणियां में प्रतिभाओ का सम्मान किया गया, जिसमें ग्लोबल एनवायरनमेंट लाईफ टाइम अचीवर्स अवार्ड कैलाश चंद्र मीणा,(आई एफ एस चितौड़गढ़), बी आर अंबेडकर लाइफ टाइम अचीवर्स अवार्ड आर के मेहरा सचिव लोक निर्माण विभाग मध्य प्रदेश शासन, सुनील शौक न्यायाधीश उज्जैन, पूजा संकत शोधार्थी, डॉ. अंबेडकर विश्वविद्यालय महू इंदौर, महात्मा ज्योतिबा फुले ग्लोबल आईकॉन अचीवर अवार्ड लातूर से पधारी शुभांगी चौहान, जुगल किशोर शाक्य ग्वालियर, किरन सुपर आयरन ग्लोबल आयरन लेडी अवार्ड की धारा शिव की ग्राम पंचायत की उपसरपंच श्रीमति शोभा चौहान, ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स एनवायरमेंट अवॉर्ड ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स डॉ. दिलीप कटारे, श्रीमति सुनीता श्रीवस्ताव, रिवर कंजरवेशन अवार्ड डॉ. सीताराम टैगोर, डॉ बी.आर अंबेडकर ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स अवार्ड, डॉ बी.आर. अंबेडकर ग्लोबल आइकॉन ज्योग्राफर अचीवर्स अवार्ड राजु चंद्राकर, छत्तीसगढ़ को प्रदान किया गया l
ग्लोबल आइकॉन साइंटिस्ट अवार्ड हर्षित श्रीवस्तव, सुल्तानपुर,सावित्रीबाई फुले इंटरनेशनल टीचर्स अवार्ड ,सावित्रीबाई फुले ग्लोबल आईकॉन इंटरनेशनल अवार्ड,डा. अमिता सेठी, सावित्रीबाई फुले अवार्ड, श्रीमती सन्तोष चन्देल,श्रीमती मीता सडाना सचिव,जिला पुस्तकालय संघ वर्षा बड़कुल स्मृति चिह्न,कुमारी वंशिका सिंह निमराजे आदि जन के साथ एक अन्य माताजी को दिया गया है ।