Tuesday 08 October 2024 7:44 AM
Samajhitexpressजयपुरताजा खबरेंनई दिल्लीराजस्थान

समाज में फैली सामाजिक कुप्रथाओ, अंधविश्वास, पाखंडवाद, मनुवाद कर्मकांड को खत्म करें- बाबूलाल बारोलिया

दिल्लीसमाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  समाज में श्रमजीवी लोगों के विकास में सामाजिक कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड, कर्मकांड आदि सबसे बड़ा रोड़ा हैं । अगर किसी व्यक्ति या परिवार का सामाजिक कुरीतियों से पतनोन्मुख होगा, तो उसका समाज पर भी असर होगा । इन सभी सामाजिक कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड, कर्मकांड आदि के कारण सामाजिक विकास को ग्रहण लग चुका है, जिससे व्यक्ति या परिवार और समाज परेशान है । इस पर समाजहित में प्रकाश डालने के लिए अजमेर से समाजसेवी बाबूलाल बारोलिया (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित लेख प्रस्तुत है :-

समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियां,अंधविश्वास,पाखंड,कर्मकांड आदि खत्म क्यों नही हो पाता है क्योंकि अनादि काल से हमारे पूर्वज अशिक्षित होने की वजह से उनमें स्वर्ग नरक का भय उत्पन्न कर डराया जाता था । वर्तमान में हमारे महापुरुषों की कुर्बानियों से हम शिक्षित चुके है और उन्हीं की तरह समाज सुधारक बनने का प्रयत्न भी करते है परन्तु त्याग नहीं पाते क्योंकि इनको आज के शिक्षित लोगों में भी इस  बात का भय है कि कहीं हमारे पूर्वज नाराज़ न हो जाय और दूसरा कारण कि सुधार के नाम पर बने संगठनों की दुकान बंद होने का डर।

अतः मात्र यह डर ही है सबके मन में जिनके कारण हम इन सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों, अन्धविश्वास, पाखंड और मनुवाद कर्मकांड को त्याग नहीं पाते। जिस दिन यह डर खत्म हो जाएगा उस दिन से समाज में सुधार होने के साथ साथ आज अपने लोगों पर होने वाले अन्याय, अत्याचार और मुसीबतों में भी कमी आएगी । समाज सेवको/ सुधारकों में भी हिम्मत बढ़ेगी और यही हिम्मत समाज के कमजोर लोगों को प्रेरणा देगी तथा आपकी वजह से उस हर व्यक्ति को भी हिम्मत,ताकत मिलेगी। जिसमें सामाजिक सुधार करने की क्षमता होती है और यह क्षमता तब आएगी जब हमारे मन से डर खत्म होगा अतः क्षमता का उपयोग कर पाना उस व्यक्ति पर निर्भर करता है।

अतः समाज बंधुओं, आइए, हम सब मिलकर भय मुक्त होकर समाज में फैली सामाजिक कुप्रथाओ, अंधविश्वास, पाखंडवाद, मनुवाद कर्मकांड को खत्म करें, आप और हम समाज में एक साथ मिलकर सामाजिक सुधार, सामाजिक उत्थान, सामाजिक जागृति, सामाजिक हित का कार्य करें और भावी पीढ़ी को सुरक्षित करें।

-बाबूलाल बारोलिया, अजमेर-

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close