Thursday 12 December 2024 7:44 PM
Samajhitexpressजयपुरताजा खबरेंनई दिल्लीराजस्थान

कुल की रस्म के साथ हजरत ख्वाजा हमीदुद्दीन मिठ्ठे महावली सरकार का उर्स का हुआ समापन

‘‘आज रंग है मिठ्ठे महावली का रंग है…….’’

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (पत्रकार रामलाल रैगर) l  झालावाड़ 10 जुलाई। हजरत ख्वाजा हमीदुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलेह मिठ्ठे महावली सरकार के आस्थाने पर उर्स के तीसरे दिन उर्स कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ। देश के जाने माने कई कव्वालों ने अपनी कव्वालियों के जरिये समा बांधा इस प्रकार दिन दिवसीय उर्स बुधवार की सुबह फजर के पहले सम्पन्न हुआ।

देर रात मंगलवार को ईशा की नमाज के बाद कव्वालियों का प्रोग्राम हुआ जिसमें देश भर से आये करीब एक दर्जन से अधिक कव्वालों ने अपने कलाम पेश किये जिसमें सरफराज अनवर साबरी जलालाबाद, मुकर्रम वारसी भोपाल, आमिल आरिफ मेरठ, शब्बीर सदाकत हुसैन साबरी कपासन, मोईन निजामी कानपुर, सादिक चिश्ती रामपुर, अल्ताफ चिश्ती गागरोन, तबरेज हुसैन भोपाल, असलम कादरी बिजनोर सहित कई कव्वालों ने महफिल में अपनी कव्वालियों से समां बांधा, जिसमें आमिल आरिफ ने एक से बढ़कर एक कलाम पढ़े ‘‘मुझको बेखुद बना रहा है कोई जाम ऐसा पीला रहा है कोई चांद तारो शर्म से झुक जाओं आज परदा उठा रहा है…’’ ‘‘उजड़ी है मेरी दिल की दुनिया सुकून को मेरे तबाह कर दे मगर मेरी इल्तजा है तुझसे इधर भी अपनी निगाह कर दे…’’ इसके बाद मुकर्रम वारसी ने ‘‘ख्वाजा पिया के तुम हो दुलारे, तुम्हारी निराली शान है मिठ्ठे मिलेगा तो मिठ्ठे के दर पर मिलेगा…’’ ‘‘हर तरफ रेत का सुखा जंगल कैसे प्यासे ने वहा वक्त गुजारा होगा…’’ जलालाबाद से सरफराज अहमद साबरी ने ‘‘जिसे निसबत है ख्वाजा तुम्हारे आस्ताने से तालुक हो गया उसका मोहम्मद के घराने से…’’ ‘‘मेरे मिठ्ठे कभी ऐसा नहीं होने देगें मुझे मोहताज किसी का नहीं होने देगें…’’ शब्बीर सदाकत हुसैन साबरी ने ‘‘जहां मुस्तफा है वहीं घर बनाने के जी चाहता है व सोने के कंकर व चांदी सी मिट्टी नजर में बसाने को जी चाहता है…’’ सुनाया तो अकीदत मन्द झूमने पर मजबूर हो गये। इसके साथ ही देश के कई जाने माने फनकारों ने अपने कलाम से अकीदत मन्दों को लगातार झूमने पर मजबूर कर दिया जिससे सुबह तक लोग जमे रहे।

इसके पश्चात् सुबह फजर के वक्त कुल की रस्म के साथ उर्स सम्पन्न हुआ जिसमें सरफराज अनवर साबरी, अल्ताफ चिश्ती ने कुल सुनाया ‘‘महफिल सजी है आओ री सखी मेरे महबूब के घर आज रंग है मिठ्ठे महावली का रंग है…..’’ पढ़ा तो सभी जायरीन झूमने पर मजबूर हो गये और सूफी हजरात व कलन्दर हजरातों ने जमकर धमाल किया। सभी आये जायरीनों को गुलाबजल के छींटे देकर कुल की रस्म अदा की गई। वहीं दरगाह दीवान सय्यद इमरान अली ने हजरत ख्वाजा हमीदुद्दीन चिश्ती मिठ्ठे महावली सरकार का सिजरा पढ़ा और फाताह पढ़ी जिसमें देश में अमन चैन, सुकून की दुआ पढ़ी गई। इसके बाद जायरीनो को 550 किलो की बनी तबर्रूख की देग तकसीम की गई। इस अवसर पर उर्स वक्फ बोर्ड कमेटी के सदर अरबाज खान तथा इन्तजामिया कमेटी के सदर रहीम खान ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडिशनल एस.पी., डी.वाई.एस.पी., ट्राफिक पुलिस व्यवस्था देख रहे सभी पुलिस कर्मियों अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से की व जिला प्रशासन जो दिन रात एक कर उर्स को सफल बनाया व उर्स कमेटी के सभी पदाधिकारी व मेम्बरान का, लंगर चलाने वालो, विद्युत व्यवस्था देखने वालो, बाहर से आये तमाम सूफी हजरात, कलन्दर हजरात, उर्स में आने वाले लाखों जायरीनों का जिला वक्फ बोर्ड व उर्स इन्तजामिया कमेटी की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close