समाज विकास के लिये सभी को मिलजुल कर सकरात्मक कार्य करना होगा

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l विकास से बेहतर समाज बनाने के लिए सभी को मिलजुल कर कार्य करना होगा । आज भारत मे तेजी से समाजिक, आर्थिक व राजनीतिक बदलाव हो रहे है जिसका समाज पर भी प्रभाव पड़ता है । बदलाव की लहर के साथ चलने के लिए हर व्यक्ति को खुद को बदलना होगा तभी समाजिक बदलाव होगा।
जिंदगी में हर कोई अपने लिए सोचता है, लेकिन इतिहास उन्हें ही याद करता है, जो समाज के लिए सोचते है। समाज में महापुरुषो ने निस्वार्थ भाव से समाजहित की सोच से कार्य किया था, जिसके कारण समाज मे सभी महापुरुष आज भी पूज्यनीय है।
दुनिया के सभी ग्रंथ हमे मानवता का पाठ पढ़ाते है कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नही है। समाज में मानवता के प्रति किये गये सभी कार्य समाजहित मे होते है। इसलिए हर मनुष्य को अपनी सामर्थ के अनुसार समाजहित मे अपना योगदान करना चाहिए। हर व्यक्ति के थोड़े थोड़े योगदान से ही एक बेहतर समाज का निर्माण होता है।
एक बेहतर समाज के निर्माण हेतु प्रत्येक नागरिक को आदर्श विचारों का पालन करना और जीवन मे उतारना होगा ;
01. शिक्षा : समाज निर्माण मे शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है, शिक्षित व्यक्ति ही अच्छे बुरे कार्य के फर्क को समझ व पहचान कर समाज को विकास की दिशा की ओर ले जा सकता है। जिससे समाज मे सकरात्मक परिवर्तन होता है।
02. रोजगार के अवसर : समाज में युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत रोजगार की आवश्यकता होती है । समाज मे बहुत से ऐसे लोग होते है जिनके पास शिक्षा की डिग्री होने पर भी कोई रोजगार नही होता है । ऐसे मे यदि समाज के सामर्थवान व्यवसायी ऐसे लोगो के लिये कोई रोजगार के साधन, या फिर किसी प्रकार के रोजगार देते है तो वह समाजहित के लिये एकदम सही कार्य होगा । समाज के युवाओ के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाना भी समाजहित का सराहनीय कार्य है । शिक्षित लोगो को रोजगार के अवसर मिलने से समाज समृद्धि की दिशा मे बढ़ने लगता है ।
03. स्वच्छता : समाज के लोगो द्वारा अपने आसपास के क्षेत्र को हमेशा साफ रखना चाहिए । इस कार्य को ठीक से कर बिना कुछ बोले समाज को एक बड़ा संदेश देता है । क्योकि स्वच्छता के माध्यम से ही हम स्वस्थ्य और समृद्ध समाज बना सकते है । देखा यह भी गया है कि स्वच्छता के अभाव में समाज मे कई ऐसी जगह होती है जहां पर गंदगी फैली होती है, और गंदगी के कारण वहां के लोग बीमार होते है । जरा सोचने की बात यह होती है कि यह गंदगी किसने फैलायी है सच है वहीँ के लोगो द्वारा ही फैलाई गई होगी । बीमार समाज विकास नहीं कर सकता, इसलिए समाजहित में लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें ।
04. स्वस्थ समाज : “पहला सुख निरोगी काया” यह बात सभी लोगो को भलीभांति से पता है, यदि अच्छी जिन्दगी जीना है तो स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है । बिना बेहतर स्वास्थ्य के लंबे जीवन की कल्पना करना मुश्किल होता है । ठीक उसी प्रकार स्वस्थ्य समाज बनाना भी समाजहित के लिए जरुरी है । स्वस्थ्य लोग ही समृद्धि की दिशा मे आगे बढ़ सकते है । स्वस्थ्य समाज मे बीमारीयों की कमी होती है और लोग अपने कार्यो मे प्रफुलित्त रहते है ।
05. पर्यावरण संरक्षण : स्वस्थ और समृद्ध समाज के लिये पर्यावरण संरक्षण बहुत आवश्यक होता है । पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से ही हम समृद्धि की दिशा मे कदम आगे बढ़ा सकते है । स्वच्छ और हरित पर्यावरण समृद्धि की दिशा मे सहारा प्रदान करता है और आने वाली पीढियों के लिये सुरक्षित भविष्य तय करता है । इसलिये जितना हो सकता है पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण की संरक्षण करें और साथ ही साथ लोगो को भी जागरूक करें ।
06. विज्ञान और प्रौद्यौगिकी : समाज निर्माण के लिए विज्ञान के क्षेत्र मे अच्छी जानकारी होना आवश्यक है तभी नई तकनीकी से समाज को नई और उन्नत दृष्टिकोण मिलता है । विज्ञान और प्रौद्यौगिकी को समाज की समृद्धि की दिशा मे बढ़ावा देना आवश्यक है । विज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज के लोगो का अधिक से अधिक भला हो यही समाजहित में है ।
07. सामरिक समाज : आपने कई क्षेत्रो में यह जरूर देखा होगा, वहां पर समाज के लोग एक मत होकर समाजहित में कई अच्छे कार्यों को करते है तो वहां पर एक अलग सा वातावरण बन जाता है और उस सामुदाय में शामिल लोग एक समृद्धि की दिशा की ओर बढ़ते हुए दिखते है । इसी प्रकार समाज मे सामंजस्य और समर्थन की भावना बना कर एक सामरिक समाज का निर्माण करना व समृद्धि की दिशा मे आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है । समाजहित में सदेव सहयोग और समर्थन की भावना बनायें रखे ।