डॉ. अबू होरैरा को भारतीय साहित्य में अम्बेडकरवादी चेतना में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरण समाजसेवी संस्था, ग्वालियर के तत्वाधान में 28 अक्टूबर 2023 को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ब्रिलियंस अवार्ड सेरेमनी का भव्य समारोह बंगलुरु के कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक कैलाश चन्द मीणा (IFS), मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ० बी.पी. अशोक (IPS), व सूर्यकांत शर्मा होंगे l इनकी गरिमामयी उपस्थिति में डॉ. अबू होरैरा को भारतीय साहित्य में अम्बेडकरवादी चेतना के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।
डॉ. अबू होरैरा का जन्म 08 अप्रैल 1988 को मिर्ज़ा हादीपुरा मऊ उत्तर प्रदेश में हुआ l इन्होने शिक्षा में पीएच.डी. हिन्दी में किया है l इनको भारतीय साहित्य में अम्बेडकरवादी चेतना के लिए जाना जाता है l डॉ. अबू होरैरा का व्यक्तित्व बहुआयामी प्रतिभा और विलक्षण युक्त है l इनकी रचनाओ में मजदुर व दलित साहित्य का यथार्थ प्रकट होता है l इनकी खास विशेषता है कि ये मजदुर व दलित के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने की और संघर्ष करने की प्रेरणा देते है l
इनकी प्रकाशित कविताएँ : बुनकर, मैं बुनकर मज़दूर, मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं, आरक्षण आदि।
कहानियाँ : ‘सलामती’ और ‘जो पीछे रह गए’
कार्यशाला/प्रशिक्षण/भागीदारी/आयोजन, भारतीय साहित्य में अम्बेडकरवादी चेतना
रिसर्च पेपर : किन्नर समाज का यथार्थ : तीसरी ताली उपन्यास के संदर्भ में
यथार्थ को प्रत्यक्ष रूप से अभिव्यक्त करने में डॉ. अबू होरैरा सिद्धहस्त है l भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के विचारों से प्रेरित होकर साहित्य में ऐसी रचनाओ की रचना की जो अम्बेडकरवादी चेतना का प्रतिनिधित्व करती हैं ।