रैगर समाज का प्रतिभाशाली सैनिक प्रसिद्द कवि गणपत लाल उदय ने हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में रचा इतिहास
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l प्रतिभा के धनी, विख्यात सैनिक कवि, रैगर समाज का बेटा गणपत लाल उदय ने देश सेवा के साथ-साथ हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में निरंतर ज्ञानवर्धक और प्रेरणाप्रद रचनाओ के द्वारा पाठकों को विशेष तौर पर प्रभावित किया है l इनके ज्ञानवर्धक और प्रेरणाप्रद अनुकरणीय योगदान से वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड मतलब (विश्व के महानतम रिकॉर्ड) भारतीय संस्करण में नाम दर्ज़ किया गया है ।
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में सैनिक कवि गणपत लाल उदय ने निरन्तर अनुकरणीय योगदान को देखते हुए इनका नाम वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड मतलब (विश्व के महानतम रिकॉर्ड) भारत संस्करण में दर्ज़ किया गया है । इससे पूर्व इन्होने अनेंक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुके और वर्ल्डस रिकॉर्ड बनी सात साझा काव्य संग्रहों के साथ लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज़ करा चुके है l चार सौ से भी अधिक पुस्तकों में अपनी रचनाओं का प्रकाशन व साहित्यिक सम्मानों से नवाजें जा चुके है ।
गणपत लाल उदय की सामाजिक सरोकार के कार्यों व संवेदनशील रचनाओ तथा मधुर व्यवहार से किसी का भला हुआ है तो कोई सदमार्ग पर चला है l आज इनकी रचनाएं देश ही नही विदेशों में भी कई पटलों पर देखी/पढ़ी जा सकती है ।
जैसे ही इनके दूसरे वर्ल्ड रिकॉर्ड की जानकारी इनके गाँव एवम परिवार वालों तक पहुंची तो परिजनों की ख़ुशियो का ठिकाना नही रहा, उदय के घर पर एवम फ़ोन पर परिजनों, मित्रो व शुभचिंतको द्वारा शुभकामनाओ व बधाईयों का तांता लग गया l कोई बधाई शुभकामनाएं दे रहा है तो कोई गिफ्ट, कोई पार्टी की बोल रहा है तो कोई मिठाई की ।
गणपत लाल उदय राजस्थान के अजमेर जिले के छोटे से ग्राम- अराई के मूल निवासी है और विश्व के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है l इनके पिता स्वर्गीय सोहनलाल उदय एवम माता श्रीमती रामीदेवी है और परिवार में आठ भाई बहनों में ये सातवे नंबर पर है । देशभक्ति के साथ त्याग-तपस्या व समर्पण की राह पर चलकर सैनिक कवि उदय ने अपने परिवार में बच्चों के लिए शिक्षा, संस्कार, रोटी-कपड़ा एवम मकान भी जुटाया है एवं कठिन से कठिन संघर्ष कर सांसारिक उलझनों को भी सुलझाया है ।
गणपत लाल उदय की सृजनात्मक कार्यों व संवेदनशील रचनाओ तथा मधुर व्यवहार से किसी का भला हुआ है तो कोई सदमार्ग पर चला है l आज इनकी रचनाएं देश ही नही विदेशों में भी कई पटलों पर देखी/पढ़ी जा सकती है ।