शिव मंदिर रतिया वाली प्याऊ में अवैध निर्माणाधीन व्यवसायिक दुकानों की जनहित याचिका पर माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय ने आदेश पारित किया
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l करोलबाग के स्थानीय निवासी व वकील कुनाल खटूमरिया ने माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय में एक जनहित याचिका (PIL) दर्ज कर मद्रास हाई कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए मांग उठाई कि करोलबाग,देव नगर स्थित शिव मंदिर रतिया वाली प्याऊ निकट रैगर चौपाल के अन्दर अवैध रूप से बनाई जा रही निर्माणाधीन व्यवसायिक दुकानों पर तत्काल रूप से कार्यवाही की जाय l
दिनांक 05/02/2024 को माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय ने आदेश पारित करते हुए यह निर्णय दिया कि करोलबाग,देव नगर स्थित शिव मंदिर रतिया वाली प्याऊ निकट रैगर चौपाल के अन्दर अवैध रूप से बनाई जा रही निर्माणाधीन व्यवसायिक दुकानों पर तत्काल रूप से कार्यवाही की जाय l यदि MCD पाती है कि दुकानें अवैध है l साथ ही माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय ने MCD को निर्देश दिए कि 05 दिन में MCD या इसका कर्ता की उपस्थिति में अवैध व्यवसायिक दुकानों का निरिक्षण करेगी और दो सप्ताह में दिल्ली उच्च न्यायलय में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी l
याचिकाकर्ता का कहना है कि मद्रास हाई कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार मंदिर परिसरों का प्रयोग धार्मिक कार्यक्रमों हेतु प्रयोग किया जाना है और व्यवसायिक कार्यों के लिए बिलकुल मना है l सुप्रीम कोर्ट के अनुसार मंदिर परिसर का प्रयोग व्यवसायिक कार्यों के लिए नहीं किया जाता l
याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर परिसर में अवैध व्यवसायिक दुकानों का बनाया जाना गैर क़ानूनी है और माननीय उच्च न्यायलय में दिल्ली पुलिस और MCD की ओर से पेश हुए वकीलों के सामने अत्यंत नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह चौका देने वाली बात है कि यह सब हो रहा है l
याचिकाकर्ता के वकील रंजन खटूमरिया का कहना है कि रैगर पंचायत के प्रधान को उपरोक्त मामले में पहले ही अनुरोध पत्र भेजा गया था, साथ ही दिल्ली प्रांतीय मंदिर प्रबंधक के कार्यवाहक प्रधान को क़ानूनी नोटिस भी भेजा गया थाल, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई थी l इस कारण मामले की गंभीरता को देखते हुए रिट पिटीशन दायर की गई l याचिकाकर्ता एक स्थानीय वकील और सामाजिक कार्यकर्ता है तथा क्षेत्र की सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है l
याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि MCD और पुलिस इस मामले में कार्यवाही नहीं करती है तो याचिकाकर्ता अवमानना की कार्यवाही करेगा l याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की गैर क़ानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा l