जम्मू में ‘हिंदी दिवस’ पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध कॉन्क्लेव व अवार्ड समारोह का आयोजन
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरन समाज सेवी संस्था (GKSSS) द्वारा जम्मू के अभिनव थिएटर कॉम्प्लेक्स में स्थित के एल सहगल हॉल में शनिवार 14 सितम्बर 2024 को ‘हिंदी दिवस’ पर हिंदी भाषा के प्रचार और संरक्षण हेतु एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध कॉन्क्लेव व अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा के प्रचार और संरक्षण को समर्पित पूरे दिन प्रबुद्ध साहित्यकारो व लेखकों द्वारा उत्साहपूर्वक भाषण, कविता पाठ व नाटक जैसी आकर्षक गतिविधियाँ शामिल रही। इसके अलावा लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ बी पी अशोक पुलिस अधीक्षक, लखनऊ, डॉ. शोभा रानी, क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा विभाग,आंध्र प्रदेश, मोहन सिंह रंगकर्मी एवं साहित्यकार जम्मू, डॉ अनीला सिंह चांडक, प्राचार्य परमाणु भाभा अनुसंधान केन्द्र,मुंबई आदि मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने की। सूर्यकान्त शर्मा ने ‘वित्तीय सशक्तिकरण ही समृद्धि का आधार’ विषय पर ऑनलाइन आकर कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के शुरुआत में मुख्य अतिथि डॉ बी पी अशोक, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, मोहन सिंह, डॉ शोभा रानी, डॉ अनीला सिंह चांडक, डॉ स्वाति जाजू, प्रोफ़ेसर विवेक शर्मा, प्रोफ़ेसर के.मुरारी दास, आरती देवी, शोधार्थी, डॉ सुधांशु कुमार चक्रवर्ती, बी यदु, रघुबीर सिंह गाडेगांवलिया, विनोद कुमार दुबे, श्याम लाल, राजकुमार यादव, रतन लाल, रेणु बाला, डॉ नंदा शर्मा, सुनीता बंदोत्रा, डॉ मुक्ति शर्मा, राजिंद्र सिंह राजपुरिया, डॉ सुधा, अल्फ़ा बेन पटेल, प्रेमवती गाड़ेगांवलिया, सुनीता नीमराजे, प्रवीन गुप्ता, अर्चना रानी, तरसेम लाल व उपस्थित सभी अतिथियों व प्रतिभाओ ने तथागत भगवान गौतम बुद्ध और बाबा साहब डॉ बी आर अम्बेडकर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
जम्मू में हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों व प्रतिभाओ ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य है हिन्दी का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करना और आने वाली पीढ़ी को इस भाषा का महत्व समझाना। आज वैश्वीकरण के दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते-भागते हमें अपनी मातृभाषा हिन्दी का महत्व नहीं भूलना चाहिए। हिंदी हमारी मातृभाषा है तथा ये हम सभी को जोड़ने का काम करते हुए देश में एकता फैलाने के लिए बहुत जरूरी है। हिंदी का साहित्य बड़ा महान है तथा भावी पीढ़ियों के नैतिक उत्थान के लिए इसकी साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन करना बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम में बहुमुखी प्रतिभा के धनी चर्चित रंगकर्मी एवं साहित्यकार डॉ सुधांशु कुमार चक्रवर्ती ने धर्मवीर भारती, बाबा नागार्जुन, ब्रत्तोल्ट ब्रेखत, सफदर हाशमी, डॉ शंकर शेष की रचनाओं पर आधारित नाटक सत्ता का एकल अभिनय के रूप में मंचन किया। अभिनय को दर्शकों ने काफी सराहा और तालियां बजाई।
आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश की पहली महिला अध्यापिका माता सावित्रीबाई फुले की जीवनी पर बी यदु द्वारा शानदार एकल नाटक की प्रस्तुति की गई, जिस पर हॉल में उपस्थित सभी लोगो ने खूब तालियां बजाई और सराहना की ।
लंच के बाद में कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथियों के कर कमलो द्वारा प्रबुद्ध साहित्यकारो व लेखकों तथा प्रतिभाओ को हिंदी साहित्य की समृद्धि के लिए प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
माता सावित्री बाई फुले स्कूल जम्मू के शिक्षको व बच्चो को मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया।