रैगर समाज को आगे बढाऩे के लिए अर्थव्यवस्था, शिक्षा, मीडिया और राजनीति क्षेत्रो पर विशेष ध्यान देना होगा
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l रैगर समाज के प्रारंभ काल का इतिहास में उल्लेख कहीं नहीं मिलता । समाज में जहाँ व्यक्ति के मौलिक स्वतंत्र चिन्तन-मत के प्रति उदार है तो वहीं बहुलतावादी सांस्कृतिक जीवटता के इतिहास को संजोकर समाज अनंत सागर की तरह प्रवाहित हो रहा है । समाज ईश्वर में आस्था रखने वाली संस्कृति को मानता है । अपने मौलिक सिद्धांतों के आधार पर हर काल में ऐसे लोग खड़े होते गए जिन्होंने भेदभाव वाली किसी भी कुरीति का न केवल विरोध किया बल्कि अपने प्रयत्नों से सभी को सम्मान देने वाली नई व्यवस्था निर्मित करने का प्रयास भी किया । अनेकानेक षड्यंत्रों, आक्रमणों, कुठाराघातों के बावजूद भी समाज अपनी महत्ता को बरकरार रखे हुए है ।
समाज को देश में सम्मान तभी मिलेगा जब वर्तमान और भावी पीढ़ी अपने दिमाग और संसाधनों का सही दिशा में उपयोग करते हुए कड़ी मेहनत और समझदारी से समाज में काम करे ।
समाज के पास प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने और उनका समाधान करने के लिए कोई सुसंगत सामाजिक मंच नहीं है । लेकिन अब समय आ गया है कि इस विसंगति को तोड़कर समाज को 21वीं सदी और उससे आगे ले जाया जाए । समाज को भविष्य में आत्मविश्वास से आगे बढऩे के लिए एक समान उद्देश्य और एक साझा दृष्टिकोण के साथ समाज के सभी घटकों को एक सर्वसम्मत मंच पर आना होगा । विशेष रणनीति की तैयारी के साथ बढऩा होगा l समाज को आगे बढऩे के लिए अर्थव्यवस्था, शिक्षा, मीडिया और राजनीति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार करना होगा । आधुनिक मानव समाज की ताकत का सीधा अर्थ आर्थिक शक्ति से ही है ।
समाज अच्छी तरह से जागरूक और शिक्षित नहीं है, जिसके कारण लंबे समय तक सामाजिक एकता को बनाए रखने में असमर्थ है । शिक्षा ही है जो सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाती है ।
आज समाज नई करवट ले रहा है। आज हमारे पास समाज को देने के लिए बहुत कुछ है । अब समय आ गया है कि समाज की वर्तमान पीढ़ी सामाजिक एकता के साथ इस विरासत को आगे बढ़ाएं और देश में रैगर समाज को सम्मान दिलाएं ।