सकरात्मक विचारधारा से ही समाज का विकास संभव है
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l विचारों में महान शक्ति होती है जिस तरह के हमारे विचार होंगे, उसी सोच से हमारी सारी क्रियाएं होंगी और तदानुकूल ही उनका अच्छा बुरा परिणाम हमे भुगतना पड़ेगा । विचारधारा वैसे तो सकारात्मक और नकारात्मक दो प्रकार की होती है l विचारधारा सामाजिक संरचना और सामाजिक व्यवस्था से उभरती है l जिस विचारधारा को हम सच्चे हृदय से अपनाते है और उस पर मनसा वाचाकर्मणा चलने को हम कटिबद्ध होते हैं तो हमारी सफलता या असफलता निर्भर करती है l
आज समाज के प्रबुद्धजनो से निवेदन कर पूछा गया था कि “रैगर समाज कौन सी विचारधारा पर जीवन जी रहा है?” इस विषय पर बहुत सी प्रतिक्रियायें प्राप्त हुई, समाजहित एक्सप्रेस उन सभी प्रबुद्धजनों का हृदय की गहराईयों से आभार व धन्यवाद करता है l उन प्रतिक्रियाओ मे से हमारी टीम ने कुछ प्रबुद्धजनों के महत्वपूर्ण विचारो को समाजहित में आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है :