गुलाबपुरा में सामूहिक विवाह सम्मलेन में रेगर समाज के 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंद कर हमसफ़र बने
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (सुखदेव आरटिया बिजयनगर) l गंगा दशमी के उपलक्ष में आम चौकला रेगर समाज सेवा समिति ब्रांच गुलाबपुरा, धानेश्वर के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार 30 मई 2023 को गुलाबपुरा में खेड़ा चौसला श्री देवनारायण मंदिर परिसर में 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंद कर हमराही हुए । जिनमें भीलवाड़ा जिले से 8 दूल्हे, 10 दुल्हन अजमेर जिले के 12 दूल्हे और10 दुल्हन, चित्तौड़गढ़ जिले से एक दुल्हन और टोंक जिले से एक दूल्हा सम्मेलन में शामिल हुए । कार्यक्रम का मंच संचालन बाबूलाल नुवाल ने किया ।
प्रातः 7:00 दूल्हे-दुल्हन मय बरात के विवाह स्थल पर पहुंचे । यहां पहुंचते ही इंद्र भगवान ने मेघ गर्जना के साथ सभी अतिथियों का नन्ही नन्ही बूंदों से छिड़काव करके स्वागत किया । बारिश बंद होने पर सभी समाज प्रेमी दूल्हा-दुल्हन श्री राम मंदिर प्रांगण पहुंचे । और वहां से दुल्हे – दुल्हन को ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठा कर कलश यात्रा प्रारंभ हुई । कलश यात्रा सुखदेव आर्टिया बाबूलाल बडारिया, रामचंद्र शेरसिया, शिवराज बडारिया, कल्याणमल सेरसिया, घनश्याम तुनगरिया के निर्देशन में टीकम चौराया, मुख्य बाजार, बावड़ी चौराहा होते हुए विवाह स्थल पहुंची ।
कलश यात्रा में महिलाएं बालिकाएं पुरुष रंग-बिरंगे नवीन वस्त्र धारण किए हुए बैंड बाजों की धुनों पर नाचते गाते आनंद पूर्वक चल रहे थे । कलश यात्रा में टीकम चौराहा पर भारत विकास परिषद के कार्यकर्ता किशोर जी, संपत जी ज्योति जी, गुड्डू भाई ने और बावड़ी चौराहे पर मंगल महावीर ट्रेडर्स, प्रकाश जी, राजाराम गांधी, रामू चौधरी, भव्य चौधरी ने अतिथियों को शरबत पिलाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया । दूल्हे दुल्हन विवाह स्थल के मुख्य गेट पर पहुंचने पर समिति के कार्यकर्ताओं ने तोरण की रस्म करवाई ।
तोरण के बाद दूल्हे दुल्हन गायत्री परिवार के पंडित रामलाल जी गढ़वाल, शिवराज जाटोलिया शकरगढ़, भागचंद नुवाल, बाबूलाल नुवाल, टीकम सुकरिया, मान मल जी हुरडा ने वैदिक मंत्रोचार के साथ विवाह मंडप पर फेरों की रस्म करवाई । और अपने सास-ससुर को अपने माता-पिता मानते हुए, भारत के संविधान को साक्षी मानकर आजीवन सेवा करने की शपथ दिलवाई । विवाह की रस्म के बाद संपूर्ण जनमानस कार्यक्रम पंडाल में पहुंचे ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धीरज जी गुर्जर राज्यमंत्री बीज निगम राजस्थान सरकार, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नल दुर्गा लाल जी बदलोटिया उपाध्यक्ष अखिल भारतीय रैगर महासभा ने की । विशिष्ट अतिथि कृष्णा सिंह जी राठौड़ प्रधान पंचायत समिति हुरडा, सुमित जी काल्या अध्यक्ष नगर पालिका गुलाबपुरा, धनराज जी गुर्जर पूर्व चेयरमैन गुलाबपुरा, करतार सिंह जी राठौड़ पूर्व चेयरमैन गुलाबपुरा, कैलाश जी देवतवाल जिलाध्यक्ष भीलवाड़ा, रतनलाल मुंडोतिया जिला अध्यक्ष शाहपुरा, रामस्वरूप सलावंडिया अजमेर ग्रामीण जिला प्रभारी, मधुसूदन पारीक नगर अध्यक्ष कांग्रेस, सांवर नाथ योगी उपाध्यक्ष नगर पालिका गुलाबपुरा, किशोर जी राठौड़, भवानी राम गढ़वाल अंबेडकर अध्यक्ष जहाजपुर, अशोक मौर्य, मुकेश जाट पंडेर सरपंच, रामदेव खारोल पार्षद गुलाबपुरा, छोगालाल गुर्जर, हीरालाल गुर्जर, सलीम कुरेशी, अफजल भाई, रामगोपाल मौर्य अध्यक्ष मसूदा परघना आदि अतिथि कार्यक्रम में पधार कर वर वधू को आशीर्वाद एवं चिरंजीवी होने एवं सफल दांपत्य जीवन का शुभ आशीर्वाद दिया ।
अतिथियों का स्वागत समिति अध्यक्ष गणपत लाल तुनगरिया, धानेश्वर ब्रांच अध्यक्ष मंगलचंद डीडवानिया, विवाह समिति अध्यक्ष पूरणमल उज्जैनिया, कार्यकर्ता एडवोकेट पार्षद राजेन्द्र कुमार रेड़िया, राम, सूरज मल नुवाल, बाबूलाल मुंडेतिया, रघुनाथ बडारिया, महावीर बडारिया, गोपाल सुकरिया, मूलचंद नुवाल, रामसुख मुंडोतिया, रामदेव सुकरिया, जसराज मोर्य, अंबालाल नुवाल, चतुर्भुज सुकरिया, सीताराम पवार पार्षद विजयनगर, सुखदेव आरटिया, समाजसेवी विजयनगर, लादूराम गोलिया, सांवरलाल रसोया रूपाहेली, सांवरलाल उजीरपुरिया खारी का लांबा, सूरजमल जाड़ोटिया कोठियां, रामप्रसाद आरटिया, रतनलाल आरटिया सांगरिया, रतन आरटिया शाहपुरा, लादूराम जड़ोटिया शाहपुरा, सूरजमल मौर्य मसूदा, वीरम लाल डडवाडिया, छगनलाल डडवाडिया फुलिया कला, चांदमल डडवाडिया कनेच्छन कला, सुवालाल उज्जैनिया, गोपाल उच्चेनिया आगूचा, मोहनलाल डडवाडिया गुलाबपुरा ने अतिथियों का स्वागत किया ।
सभी अतिथियों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया और सुखी दांपत्य जीवन की कामना की । दुर्गा लाल कर्नल ने उद्बोधन में कहा कि माता-पिता विवाह के बाद अपनी बेटी का पक्ष नहीं लेकर सही सलाह देकर ससुराल में सामंजस्य बिठाकर सफल दांपत्य जीवन का सुझाव देवें । आखिर में वर-वधु को विदाई दी गई ।
मुख्य अतिथि धनराज जी गुर्जर ने कहा कि कम खाकर, अपनी सुख सुविधाओं में कटौती करके अपनी संतान को पढ़ाने का प्रयास करना चाहिए और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के आदर्श को साकार करना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक कुरीतियों को त्याग कर शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पढ़ाना चाहिए । जिससे स्वयं की समाज और 36 कोम का विकास होगा ।