माँ भारती के वीर सपूत शहीद गोवर्धन लाल सबल का सामोद में हुआ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l भारत का वीर सपूत शहीद बीएसएफ जवान गोवर्धन लाल सबल ने 26 जनवरी को माँ भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए l रविवार 28 जनवरी को शहीद हुए वीर सपूत का पार्थिव शरीर समोद में पहुंचा, जहां मोक्ष घाट पर बी एस एफ की टुकड़ी द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर की सलामी देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । उनकी अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ा । हजारों ग्रामीणों और परिजनों ने अपने लाड़ले शहीद जवान को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोवर्धन लाल सबल सबल का जन्म एक सामान्य परिवार में 15 मई 1969 में हुआ था । इन्होंने दसवीं बोर्ड परीक्षा सामोद स्कूल से 1987 में उतीर्ण की । सबल अपने छ भाइयों व 2 बहिनों में द्वितीय नम्बर पर था । इनके पिता स्व कजोड़ मल सबल व माता स्व तीजा देवी सबल ने कठिन परिश्रम कर इनको फ़ौज में जाने के लिये प्रेरित किये । गोवर्धन लाल सबल 1990 में फ़ौज में भर्ती हुआ था l गोवर्धन लाल का छोटा भाई भी बी एस एफ में है । इनके दो पुत्रियां व एक पुत्र है ।
वर्तमान में गोवर्धन लाल सबल त्रिपुरा के अगरतला में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे । 26 जनवरी को फौजी सबल ने माँ भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए । जब गोवर्धन लाल सबल के शहीद होने की खबर सामोद पहुँची तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर उमड़ पड़ी, हर कोई फौजी सबल को याद कर रहा था, शहीद होने की खबर के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था ।
रविवार 28 जनवरी को प्रातः 10 बजे शहीद हुए वीर सपूत का पार्थिव शरीर सामोद पहुंचा, तो भारी संख्या में एकत्रित गांव वाले और परिजन अपने लाल का एक झलक पाने के लिए बेचैन थे और अपनी आंखों से बहते आंसूओ को रोक नहीं पा रहे थे । व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद कर फौजी को सम्मान दिया ।
बाजार से निकलती हुई वीर सपूत के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा पर जगह जगह स्थानीय लोगो द्वारा पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की । पूरा गांव शहीद गोवर्धन लाल सबल अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा सबल फौजी तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे से गूंज रहा था । रथ के पीछे आधा आधा किलोमीटर लंबा तिरंगा सब अपने हाथों में पकड़े हुए थे । वीर सपूत के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा मोक्ष घाट पर पहुँचने पर बी एस एफ की टुकड़ी द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर की सलामी देकर राजकीय सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया ।