Friday 08 November 2024 8:45 AM
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आपदाओं से बचाव के बारे में आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  सोसाइटी फॉर पार्टिसिपेटरी इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट (SPID Society) व ब्रिटिश हाई कमीशन (BHC) के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार 31 मार्च को सूर्या ग्रीन बैंक्वेट हाल में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रो के लोगो को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया l कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में पधारे विभिन्न विषयों के विशेषज्ञो ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रस्तुतीकरण करके उपस्थित समुदाय को जागरूक किया । कार्यक्रम का बेहतरीन मंच संचालन निशांत प्रजापति ने किया l

कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में पधारे प्रबुद्ध अतिथियों का स्वागत SPID Society के CEO अवधेश यादव द्वारा किया गया l एक दिवसीय आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यशाला का सभी अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया । कार्यक्रम में SPID Society की वाईस प्रेसिडेंट ललिता S.A., अवधेश यादव (CEO), नवीन कोटिया (NULM), शैलेश श्रीवास्तव सेवानिवृत जॉइंट डायरेक्टर (WCD), स्वाति रॉय (अधिवक्ता), संदीप बंसल (अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट), अधिवक्ता हेमंत शुक्ला (DLSA), माधुरी वाष्णव (चेयरपर्सन भाष्कराचार्य कॉलेज) व डिवीज़नल वार्डन रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया (नागरिक सुरक्षा) आदि उपस्थित रहे l आयोजको द्वारा सभी प्रबुद्धजनों को मोमेंटो भेट कर सम्मानित किया गया l

आपदा दो प्रकार की होती है, प्रथम प्राकृतिक आपदाएं जैसे- भूकम्प, सुनामी, भूस्खलन, ज्वालामुखी, सूखा, बाढ़, हिमखण्डों का पिघलना आदि हैं । दिवतीय प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त कुछ आपदाएं मानवजनित भी होती हैं । आपदा किसी को बता कर नहीं आती है और इसकी पूर्व जानकारी देना भी मुमकिन नहीं है । जब प्रकृति में असंतुलन की स्थिति होती है, तब आपदाएं आती हैं जिसके कारण विकास एवं प्रगति बाधक होती है । आपदा प्रबंधन दो प्रकार से किया जाता है आपदा से पूर्व एवं आपदा के पश्चात । आपदा पूर्व प्रबन्धन को जोखिम प्रबन्धन के नाम से भी जाना जाता है ।

आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी प्रबुद्ध वक्ताओ ने आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम में युवाओं और सामान्य नागरिकों को को संबोधित करते हुए कहा कि आदिकाल से ही मनुष्य अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक आपदाओ से संघर्ष करता रहा है । मनुष्य ने सभी क्षेत्रों में भले ही बहुत प्रगति कर ली हो लेकिन प्राकृतिक आपदाएं आज भी विश्वमानव के नियंत्रण से बाहर हैं । इसलिए आपदा को रोका नहीं जा सकता लेकिन आपदा के जोखिम की भयंकरता व जान-माल की क्षति को धैर्य, विवेक, परस्पर सहयोग व प्रबंधन से कम जरुर किया जा सकता है l आपदा के समय आपातकाल के दौरान किए जाने वाले प्रबंधन, इनकी तैयारियां इत्यादि का पूरा खाका तैयार होना बहुत जरूरी है । आपदाओं के प्रति लोगो को जागरूक होना चाहिए, वहीं इन आपदाओं में लोगो की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए । विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिये प्रथम प्रत्योत्तरदाता नागरिक सुरक्षा के वालंटियर्स ही होते है l जागरूकता एवं सतर्क रहकर आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है ।

सभी वक्ताओ ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे यहां से जो भी सीखकर व जानकारी प्राप्त करके जाएं, उसे अपने आस-पड़ोस तथा अपने सम्पर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी इस बारे में अवगत करवाएं । नागरिक सुरक्षा के वालंटियर्स ने आपदा के दौरान होने वाली समस्याओं और बचाव के बारे में डैमो से जानकारी दी । उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को आपदाओ से बचने के लिए प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए और उससे बचने का जरूरी सामान अपने घरों में रखना चाहिए । आपदा के समय में भवन के गिरने से एवं भगदड़ मचने से जान-माल की क्षति होती है । उसको लेकर हमे सावधानी बर्तनी चाहिए l

कार्यशाला में काफी संख्या में SPID होम के बच्चे, तथा दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रो जैसे सावदा, घेवरा, नांगलोई, रेवला खानपुर, उतम नगर, गोयला डेरी आदि विभिन्न समुदाय के लोगो ने एक दिवसीय आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यशाला में भागीदारी की l कार्यक्रम के अंत में SPID Society की वाईस प्रेसिडेंट ललिता S.A. व ललिता ने सभी अतिथियों व सहभागियों का धन्यवाद किया l

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